अंत में जीत प्रकृति की ही होती है

स्वास्थ्य
Spread the love

मानव प्रकृति का हिस्सा है प्रकृति व मानव एक दूसरे के पूरक हैं। प्रकृति के बिना मानव की परिकल्पना नहीं की जा सकती वेदों में वर्णित है की मनुष्य का शरीर पंचभूतों यानी अग्नि, वायु, जल,पृथ्वी और आकाश से मिलकर बना है। इन पंचतत्वों को विज्ञान भी मानता है। अर्थात मानव शरीर प्राकृतिक प्रकृति से बना है प्रकृति के बगैर मानव अस्तित्व की परिकल्पना नहीं की जा सकती है सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि प्रकृति में हर किसी का अपना महत्व है एक छोटा सा कीड़ा भी प्रकृति के लिए उपयोगी है ।पुराण में भी एक वृक्ष को सौ पुत्रों के समान बताया गया है इसी कारण हमारे यहां वृक्ष पूजने की सनातन परंपरा रही है। पुराणों में कहा गया है कि जो मनुष्य नए वृक्ष लगाता है, वह स्वर्ग में उतने ही वर्षो तक फलता-फूलता है, जितने वर्षो तक उसके लगाए वृक्ष फलते- फूलते हैं।मानव कितना भी बुद्धिमान हो जाए लेकिन
अंत में जीत प्रकृति की ही होती है report : Sudhir Mandal
🙏 धन्यवाद🙏

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *