कोल्हान प्रमंडल के दर्जनभर आदिवासी संगठनों ने 31 जुलाई को कोल्हान बंद की घोषणा की है. इसके लिए संगठन के सक्रिय कार्यकर्ता जगह-जगह बैठकें कर जन संपर्क अभियान चला रहे हैं. सोमवार को संगठन के लोगों ने करनडीह में लोगों से बंद का समर्थन करने का आह्वान किया. इस दौरान बंद के समर्थन में पंपलेट बांटे. संगठन के जोसाई मार्डी एवं इंद्र हेंब्रम ने बताया कि कोल्हान में प्रशासनिक अधिकारी असंवैधानिक तरीके से आदिवासियों की जमीन का अधिग्रहण करा रहे हैं तथा इसे नियम विरूद्ध जाकर हस्तांतरित कर रहे हैं. कहा कि यह परिक्षेत्र लगभग 11548 वर्गक्षेत्र में फैला है. एशिया का सबसे बड़ा सारंडा जंगल भी यहीं अवस्थित है. लगभग कोल्हान के आधे भू-भाग पर बड़े कारखाना, जैसे टाटा ग्रुप की कंपनी, यूसिल, सेल, डीवीसी, एसीसी सिमेंट, एचसीएल, आईसीसी, गाजिया वाराज, सीतारामपुर डेम, डिमना लेक, चांडिल डैम् कुजू डैम, बुरुडीह डेम, स्वर्णरखा बहुउद्देशीय परियोजना, ईचा खडकाई परियोजना, रुंगटा माइंस, आदित्यपुर औधोगिक क्षेत्र, डैम, नहर तथा भारत सरकार के उपक्रम, खदान इत्यादि के लिए सरकार ने जमीन अधिग्रहण किया है. दोनों ने कहा कि अगर इसी तरह जमीन का अधिग्रहण एवं हस्तांतरण होता रहा तो कोल्हान की जियोग्राफी एवं डेमोग्राफी बदल गई है
लाठी चार्ज की घटना के विरोध में बुलाया बंद
इंद्र हेंब्रम एवं जोसाई मार्डी ने बताया कि कोल्हान में रैयतों को उनकी भूमि से बेदखल कर भूमिहीन बनाया जा रहा है. अधिकारी खुलेआम भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 का उल्लंघन कर रहे हैं. 7 जून को सरायकेला-खरसावां जिले के तितिरबिला में पुलिस व प्रशासन के द्वारा रैयती जमीन पर स्थित घरों को ध्वस्त कर दिया गया. यही नहीं सरना स्थल और शासनदिरी (श्मशान स्थल) को भी ध्वस्त कर दिया गया. प्रशासन वहां सड़क चौड़ीकरण करना चाहता है. जबरन इस तरह की गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी. दोनों ने बताया कि इस मामले को लेकर प्रशासन के साथ 26 जून को वार्ता हुई. लेकिन भूमि अधिग्रहण का उचित कारण नहीं बता पायी. 27 जून 2024 को अनुमण्डल पदाधिकारी, सरायकेला को सूचित करने के बाद लोकतांत्रित तरीके से धरना दिया जा रहा था. 11 जुलाई को पुलिस बल धरना स्थल पर आए और अचानक लाठी चार्ज कर दिया. जिसमें काफी लोग घायल हो गए और पुलिस ने धरनास्थल से 35 लोगों को जिसमें एक दूधमुंहा बच्चा भी शामिल है, गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस एवं प्रशासनिक प्रताड़ना के खिलाफ आवाज उठाने के लिए कोल्हान बंद का आह्वान किया गया.