आदिवासी संगठन विश्व आदिवासी दिवस पर जश्न मनाते हैं. लेकिन इस बार रांची के आदिवासी संगठन इस दिन विरोध दिवस मनाएंगे. आदिवासी संगठन मणिपुर घटना और केंद्र सरकार द्वारा लाए जाने वाले समान नागरिक कानून (यूसीसी) से नाराज हैं. कई आदिवासी संगठनों ने विश्व आदिवासी दिवस को विरोध दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. आदिवासी समन्वय समिति के राष्ट्रीय समन्वयक एवं पूर्व मंत्री देवकुमार धान ने घोषणा की है कि 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर कोई जश्न या नृत्य-संगीत का आयोजन नहीं होगा. केंद्र द्वारा यूसीसी लाये जाने की पहल, मणिपुर में आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने एवं मध्य प्रदेश में आदिवासी युवक पर पेशाब करने के खिलाफ इस दिन को विरोध दिवस के रूप में मनाया जाएगा. इसी तरह अन्य आदिवासी संगठनों ने भी अलग-अगल कार्यक्रमों की घोषणा की है.
आदिवासी युवा संगठन निकालेगा बाइक महारैली – विकास तिर्की
इधर, करम टोली स्थित धुमकुड़िया भवन में आदिवासी युवा संगठन की बैठक हुई. तय किया गया कि आदिवासी दिवस पर बाइक महारैली निकाली जाएगी, जिसका नाम दिया गया है बाइक रैली फॉर यूनिटी. युवा संगठन के सदस्य विकास तिर्की ने कहा कि इस महारैली में रांची जिले के सभी आदिवासी युवा शामिल होंगे. आदिवासी एकता का परिचय सड़कों पर देंगे. देश में आदिवासियों के साथ शोषण अत्याचार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध दर्ज करायेंगे. बाइक रैली मोरहाबादी से शुरू होगी, जो बिरसा चौक तक जाएगी. मौके पर विकास तिर्की, अमरनाथ लकड़ा,अजित लकड़ा,अनिल उराँव, शशि पन्ना, प्रतीत कच्छप, अभिषेक तिर्की, आकाश बाड़ा उपस्थित थे.
कौन संगठन क्या कार्यक्रम करेंगे
आदिवासी समन्वय समिति : संयोजक लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि सभी आदिवासी जयपाल सिंह मुंडा मैदान के पास जुटेंगे. वहां से विरोध मार्च निकालते हुए अलबर्ट एक्का चौक पहुचेंगे.
झारखंड प्रदेश पाहन संघ : प्रमुख जगदीश पहान ने कहा कि 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस को शोक दिवस के रूप में मनायेंगे. क्योंकि झारखंड में आदिवासियों के प्रति अत्याचार बढ़ा है. इस बार आदिवासी समाज के लोग पारंपरिक वेश भूषा में नगड़ा टोली सरना भवन मैदान में जुटेंगे. वहां से पैदल मार्च करते हुए कचहरी होते हुए अलबर्ट एक्का पहुंचेगें. जहां आदिवासी समाज पर हो रहे चौतरफा हमला को लेकर चर्चा की जायेगी.
