झारखंड के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है. स्कूलों में सभी विषयों के लिए पर्याप्त टीचर उपलब्ध नहीं हैं. सैकड़ों स्कूल सिर्फ एक सरकारी टीचर और कुछ पारा शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं. इतना ही नहीं इन स्कूलों में कई सालों से हेडमास्टर के पद भी खाली हैं. राज्य के मिडिल स्कूलों में हेडमास्टर के कुल 2133 पद स्वीकृत हैं. लेकिन इनमें सिर्फ 29 स्कूलों में ही हेडमास्टर हैं, जबकि 2104 स्कूल प्रभारी प्राचार्यों के भरोसे चल रहे हैं. 2021 के पहले ये सभी स्कूल बिना हेडमास्टर के ही चल रहे थे. शिक्षा विभाग ने फरवरी 2021 में बिना प्राचार्य वाले स्कूलों का संचालन प्रभारी प्राचार्यों से कराने का प्रावधान किया था.
677 पदों पर नियुक्ति के लिए जेपीएससी को भेजी गई है अधियाचनाशिक्षा विभाग हर साल प्राचार्य के पदों की बहाली की तैयारियां शुरू करता है, लेकिन इन खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया अधर में ही लटक जाती है. जुलाई 2023 में शिक्षा विभाग ने माध्यमिक विद्यालयों में प्राचार्यों के 677 पदों पर सीधी नियुक्ति के लिए कार्मिक विभाग के पास अधियाचना भेजी थी. फिर वह वहां से झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को भेजी गई, लेकिन अबतक न परीक्षा हुई और नियुक्तियां हो पाई है. मामला लगातार लटकता ही रहा है.2104 में सिर्फ 1067 पदों को भरने की तैयारीबता दें कि मिडिल स्कूलों में हेडमास्टर के 2104 पद खाली हैं. लेकिन नियुक्ति की प्रक्रिया सिर्फ 677 पदों के लिए शुरू की गई, जबकि 390 पदों को गैर योजना मद से प्रोन्नति के जरिये भरने की तैयारी चल रही है. शिक्षकों को प्रोन्नत कर प्राचार्य का पद देने की कार्रवाई अंतिम चरण में है. कुल मिलाकर 1067 स्कूलों में प्राचार्य का पद भरने की कवायद चल रही है, लेकिन अभी भी 1037 स्कूलों के हेडमास्टर के पद भरने की कोई योजना नहीं दिख रही.