एक जुलाई से पहले हुई घटनाओं में दर्ज केस की जांच नये क्रमिनल लॉ के तहत होगी. इसको लेकर सीआईडी डीजी ने पुलिस आदेश जारी किया है. इस आदेश पर डीजीपी का अनुमोदन प्राप्त है. पुलिस आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि एक जुलाई या उसके बाद कोई अपराध से संबंधित मामले में केस दर्ज किया जाता है, जिसमें घटना की तिथि एक जुलाई के पहले की है, तो कानूनी प्रावधान आईपीसी से निर्धारित होगा, लेकिन घटना का अनुसंधान नये क्रिमिलन लॉ (बीएनएसएस) के तहत होगा.
असमंजस की स्थिति को दूर करने के लिए जारी किया गया आदेशइस आदेश को जारी करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि अपराधिक घटना के घटित होने की तिथि और अपराधिक घटना में केस दर्ज होने के संबंध में पुलिसकर्मियों के बीच जो असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, उसे दूर किया जा सके. उदाहरण के तौर पर अगर कोई घटना 30 जुलाई को हुई और उस मामले को लेकर संबंधित थाने में केस एक जुलाई को दर्ज हुआ, तो वह केस आईपीसी के धारा के तहत भले ही दर्ज की जायेगी, लेकिन इसका अनुसंधान नये क्रिमिनल लॉ के तहत किया जायेगा.देशभर में एक जुलाई से लागू हो चुका नए क्रिमिनल लॉदेश में एक जुलाई से नये आपराधिक कानून लागू हो गये हैं. इसके बाद आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) को लागू किया गया है. पिछले साल ही संसद में पास होकर तीनों कानून का रूप ले चुके हैं.