पुस्तक मेला धार्मिक एवं आध्यात्मिक पुस्तकों का बना संगम
रांची 21 जनवरी । स्थानीय जिला स्कूल मैदान में समय इंडिया, नई दिल्ली एवं बिहार राज्य अभिलेखागार निदेशालय, पटना के संयुक्त तत्वावधान में जारी 10 दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेला धार्मिक एवं आध्यात्मिक पुस्तकों का संगम बना है । मेले में जहाँ गीताप्रेस के स्टॉल पर धार्मिक साहित्य पुस्तक प्रेमियों के आकर्षक का केन्द्र बना है वहीं पर श्रीरामकृष्ण आश्रम का स्टॉल रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद का साहित्य पाठकों के बीच लेकर हाजिर है । इन दोनों ही स्टॉलों पर अल्प मूल्यों की प्रेरक पुस्तकें उपलब्ध हैं । इसके अतिरिक्त श्री कबीर ज्ञान प्रकाशन केन्द्र एक ऐसा स्टॉल है जहाँ संत कबीर और धार्मिक पुरुषों की तमाम प्रेरक पुस्तकें हैं । अन्य स्टॉल्स पर भी धार्मिक साहित्य और चिंतकपरक पुस्तकें उपलब्ध हैं । इन पुस्तकों को खरीदकर आप अपने ज्ञान की वृद्धि कर सकते हैं । पुस्तकों पर केन्द्रित यह मेला 26 जनवरी तक जारी है । मेले में पुस्तक प्रेमियों के लिए प्रवेश की समयावधि प्रात: 11:00 बजे से रात्रि 7:30 बजे तक की है ।
पुस्तक मेले में आदिवासी साहित्य : पुस्तक मेले में प्रकाशन संस्थान, झारखंड झरोखा एवं विकल्प प्रकाशन ऐसे स्टॉल्स हैं जहाँ पर झारखंड राज्य के दर्जनों रचनाकारों का साहित्य मौजूद है । यहाँ आदिवासी साहित्य भी प्रचूर मात्रा में है । समय प्रकाशन के स्टॉल पर झारखंड के इतिहास पर एक अध्ययन के अतिरिक्त झारखंड पर्यटन पुस्तक है जिसमें रंगीन चित्रों के साथ पर्यटन स्थलों का विवरण उपलब्ध है ।
पुस्तक मेला में लोकार्पण : पुस्तक मेला में वीना श्रीस्तव के नवीनतम कविता संग्रह ‘चोंच भर बादल’ का लोकार्पण सम्पन्न हुआ । इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अशोक प्रियदर्शी ने की । कार्यक्रम में कृति चर्चा के दौरान डॉ. विनोद कुमार, डॉ. माया प्रसाद, डॉ. कमल बोस, रश्मि शर्मा ने कवयित्री के कविताओं पर अपने विचार व्यक्त किए । समय इंडिया’ के प्रबंध न्यासी चन्द्र भूषण भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन सीमा चन्द्रिका तिवारी ने किया । वीना श्रीवास्तव ने अपनी सृजनयात्रा पर प्रकाश डाला । वीणा श्रीवास्तव जी के ‘चोंच भर बादल’ काव्य संग्रह का लोकार्पण संपन्न हुआ। डॉ. कमल कुमार बोस ने ‘चोंच भर बादल’ पुस्तक पर समीक्षा करते हुए कहा कि साहित्य की जो रचनात्मक त्रासदी है, वह व्यक्तिगत संवेदना का आंदोलन है। डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि आखिर कुछ तो बात है वीणा में जो थकती नहीं है। कवयित्री वीणा श्रीवास्तव ने अपनी बात रखते हुए कहा कि लिखने पर विश्वास करें, छपने पर नहीं। अच्छी रचना छापने के लिए हर प्रकाशक तैयार है। चाहे राजकमल हो या वीणा। वरिष्ठ चित्रकार दिनेश जी ने इस पुस्तक लोकार्पण की अध्यक्षता करते हुए डॉ. अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि शहर की समृद्धता से भरी हुई कवयित्री है। फिर उन्होंने कहा कि साहित्य में अश्लील नहीं होता है, जरूरी या गैर जरूरी होता है। धन्यवाद ज्ञापन चंद्रभूषण जी ने तथा कुशल संचालन सीमा चन्द्रिका तिवारी ने किया। इसके अलावे कई विद्वान उपस्थित रहें।
कवयित्री सम्मेलन : पुस्तक मेला में जारी कार्यक्रमों की कड़ी में काव्य रसिक श्रोताओं के लिए कवयित्री सम्मेलन सम्पन्न हुआ । इस सम्मेलन में स्थानीय कवयित्रियों डॉ. ममता मनोज सिन्हा, सुमिता सिन्हा, अनुपम श्री, मधुमिता साह, हीरा सोनी ने अपनी कविताओं, गीतों, गज़लों से सबका मन मोह लिया। इस कार्यक्रम के पश्चात् कवयित्री सम्मलेन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। जिसमें सुनीता सिन्हा ने कविता में अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए ‘मेरा मन मेरा हृदय, मेरा शरीर’ कविता सुनाई। अनुपम श्री ने ‘हाँ सच है, बिल्कुल सच है ‘ कविता सुनाई। सत्या सिन्हा ने ‘ आने वाले भविष्य के हंसीन सपने देख आँख लगी’ कविता सुनाकर झूमने पर विवश कर दिया। ‘एक प्रतिस्पर्धा है मेरी’ कविता की पंक्तियाँ सुनाकर मधुमिता साहा ने सबको संवेदनशील बना दिया। इस कार्यक्रम का संचालन करते हुए ‘मदमाती बसंत प्यार संग अंगड़ाई सरसों’ कविता सुनाते हुए बसंत का आह्वान किया।कार्यक्रम को सभी ने सराहा ।
नृत्य प्रतियोगिता : पुस्तक मेले में नृत्य प्रतियोगिता में विभिन्न आयु वर्ग के प्रतिभागियों ने अपनी नृत्य प्रतिभा से पुस्तक प्रेमियों का दिल जीता । दौरान बच्चों ने नृत्य प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम को लोगों ने देखा और सराहा ।
पुस्तक लोकार्पण सह कृति चर्चा : पुस्तक मेले में अपराह्न 3;00 बजे अशोक बंका की पुस्तक का लोकार्पण कार्यक्रम होगा । इस कार्यक्रम में नगर के साहित्यकार उपस्थित रहेंगे और पुस्तक की चर्चा करेंगे ।
नगर में आज :– राष्ट्रीय पुस्तक मेला
पुस्तक लोकार्पण सह कृति चर्चा अपराह्न 3:00 बजे
जिला स्कूल मैदान, सभागार मंच
