बुजुर्ग की मौत पर छाया रहस्य का पर्दा, परिवार को वन्यजीव हमले की आशंका

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लातेहार के बरवाडीह थाना अंतर्गत चेचा गांव के 60 वर्षीय मुश्ताक खान की मौत पर रहस्य छाया हुआ है. खान के परिजनों का आरोप है कि रविवार की सुबह वृद्ध की मौत वन्यजीवों के हमले से हुई है. सूत्रों ने कहा कि संदिग्ध परिवार तेंदुए।

सूत्रों के मुताबिक, परिवार अनुग्रह के आधार पर परिवार में एक के लिए अनुग्रह राहत और नौकरी पर जोर देता है।

कांग्रेस विधायक ने आगे कहा कि पीटीआर के जवान यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि पग के निशान लकड़बग्घे के हैं या किसी अन्य जंगली जानवर के।

उन्होंने कहा कि इस घटना का भारी विरोध हुआ जिसमें लोगों ने वन विरोधी नारे आदि लगाए।

विधायक ने कहा, “मैंने इस संबंध में टाइगर रिजर्व पलामू कुमार आशीष के डिप्टी डायरेक्टर नॉर्थ डिवीजन से बात की और उन्हें मामले को देखने के लिए कहा।”

मृतक की जीभ गायब थी जबकि अन्य सभी अंग बरकरार थे। इसकी पुष्टि परिवार और कांग्रेस विधायक ने की।

जीभ नहीं था। गर्दन तोड दिया है,” (जीभ गायब थी और गर्दन टूट गई थी) विधायक ने कहा।

गायब जीभ ने भौंहें चढ़ा दी हैं। ऐसा कोई मांसाहारी नहीं है जिसमें गाल, होंठ, नासिका, आंख, भौहें, माथे आदि पर कोई काटने का निशान छोड़े बिना सिर्फ जीभ को बाहर निकालने की कोई विशेषता हो।

पीटीआर के उत्तरी डिवीजन के उप निदेशक कुमार आशीष ने चुटकी लेते हुए कहा कि किसी भी मांसाहारी में जीभ को बाहर निकालते समय ऐसी कोई नैदानिक सटीकता नहीं होती है कि मृतक के शरीर से जीभ कैसे गायब हो जाती है।

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