साइबर अपराधियों के खिलाफ ‘प्रतिबिंब’ पोर्टल कारगर हथियार साबित हो रहा है. इस पोर्टल की मदद से झारखंड में पिछले सात महीने के दौरान 962 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा 3157 सिम कार्ड और 2135 मोबाइल फोन बरामद किया गया है. इसके परिणाम स्वरूप झारखंड इलाके से होने वाले साइबर अपराध में गिरावट आई है. प्रतिबिंब पोर्टल को केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) ने तैयार किया है और इसकी मदद से किसी इलाके में सक्रिय साइबर अपराधियों की रियल टाइम जानकारी उस क्षेत्र के एसपी और एसएचओ को मिल जाती है.
झारखंड पुलिस ने साइबर ठगों से बचाये 13.04 करोड़ रुपये
झारखंड पुलिस अब तक 13.04 करोड़ रुपये साइबर अपराधियों के पास जाने से बचा चुकी है. जिनमें 11.32 करोड़ वो रकम है, जिनकी ठगी साइबर अपराधियों ने आमलोगों से की थी. लेकिन ठगी के बाद इन पैसों को साइबर अपराधी किसी एटीएम या बैंक एकाउंट से नहीं निकाल सके. क्योंकि झारखंड पुलिस की ओर से इन बैंक खातों को फ्रीज करा दिया गया था. वहीं फ्रीज किये गये कुल 1.72 करोड़ रुपये शिकायतकर्ता के खाते में वापस किये जा चुके हैं.
हेल्पलाइन नंबर 1930 के माध्यम से 22924 शिकायतें हुई दर्ज
अपराधियों के खिलाफ हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करना कारगर है. झारखंड में साइबर हेल्पलाइन की शुरुआत मार्च 2022 महीने में हुई थी. इस नंबर पर 22924 शिकायतें आयी है. इसके अलावा ओआईसीआर (ऑनलाइन जांच सहयोग अनुरोध पोर्टल) झारखंड पुलिस द्वारा झारखंड से जुड़े अन्य राज्यों की जांच में सहायता के लिए विकसित किया गया है. इस पोर्टल पर कुल शिकायतें- 1814 दर्ज हुए हैं. साल 2024 में राज्य में साइबर अपराध पुलिस स्टेशन, सीआईडी में दर्ज विभिन्न मामलों में 29 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है.