रांची : मेजर विनीत कुमार ने तीन देशों का भ्रमण किया, बढ़ते साइबर खतरों से जुडी बालों पर चर्चा करने और साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने के समाधान विकसित करने के लिए। विनीत झारखंड निवासी हैं जिन्होंने प्रत्येत देश में भरत का प्रतिनिधित्व किया और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को मजबूत बनाया।21वे एनुअल इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन प्राइवेसी, सिक्योरिटी, ऐंड ट्रस्ट (पी. एस. टी 2024) में “लेसन्स फ्रॉम जी.डी.पी.आर. एंड अवॉयडिंग मिस्टेक्स इन डाटा प्राइवेसी रेगुलेशन” का आयोजन यू.एन.एस.डबल्यू. सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में 28 अगस्त, 2024 को किया गया।
“लेसंस फ्रॉम जी.डी.पी.आर. ऐंड अवॉयडिंग मिस्टेक्स इन डाटा प्राइवेसी पर एक पैनल चर्चा हुई 21वे एनुअल इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन प्राइवेसी, सिक्योरिटी, ऐंड ट्रस्ट (पी.एस.टी. 2024) के मौके पर यू.एन.एस.डबल्यू. सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में, 28 अगस्त, 2024 को। इस पैनल चर्चा में कई मुख्य बातों पर रौशनी डाली गई, जैसे- डाटा सुरक्षा, जी.डी.पी. आर. और अन्य गोपनीयता विनियमन कार्यान्वयन अनुभवों से प्रेरणा लेना। डाटा
न्यून्तमकरण और सहमति आवश्यकता पैनल चर्चा के मुख्य सिद्धांत थे। चचौ जोखिम आधारित दृष्टिकोण और मजबूत डाटा प्रशासन ढांचे के महत्व पर केंद्रित थी।
जी.डी.पी. आर. के कार्यान्वयन में किए गए सामान्य गलतियों पर भी चर्चा की गई, जिसमें अनुपालन जटिलता को कम आंकना और अपर्याप्त स्टाफ प्रशिक्षण शामिल थे। पैनल ने सक्रिय अनुपालन उपायों और मजबूत डाटा सुरक्षा प्रथाओं के संभावित लाभों पर भी चर्चा की।
मेजर विनीत ने डा. तातियाना बूकरेवा (प्रिंसिपल डाटा साइंटिस्ट टेराडाटा, ऑस्ट्रेलिया), कैट मॉन्कटन (साइबर पार्टनर, डिलॉइट), और माइकल लॉवी (सह संस्थापक सीइओ, टाइड फाउंडेशन) के साथ मिलकर कुछ मुख्य बातों पर चर्चा की, जैसे डाटा न्यून्तमकरण की जरूरत, जिसमें विशिष्ट उद्देश्यों के लिए केवल आवश्यक डाटा एकत्र करने की बात कही, जिससे संभावित जोखिम की संभावना कम हो जाती है। उन्होंने किसी के भी व्यक्तिगत डाटा को साझा करने से पहले उन्हें स्पष्टता से सूचित करना और उनसे सहमति लेने की आवश्यकता पर चर्चा की।
मेजर विनीत ने डाटा गोपनीयता के लिए जोखिम आधारित दृष्टिकोण पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा करते हुए कहा बताया की संगठनों को डाटा उलंघनों के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए डाटा प्रोसेसिंग जोखिमों का आकलन और प्रबंधन कैसे करना चाहिए।
सिडनी की अपनी यात्रा के बाद, विनीत ने थाईलैंड की ओर रुख किया और डा. तान्यापोर्न सूनटोर्नथम (थम्मासैट इंस्टीट्यूट ऑफ एरिया स्टडीज टी.आई.ए.आर.ए. के निदेशक) के साथ मिलकर समाधान विकसित करने और साइबर सुरक्षा, साइबर कूटनीति, साइबर नीति को मजबूत करने पर चर्चा की गई, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करना और भारत और थाईलैंड के बीच मजबूत संबंधों को बढ़ावा देना था। इसके बाद एक और कार्यक्रम ‘लेसंस फॉर रिस्पॉन्सिबल ए.आई. इंटीग्रेशन एंड गवर्नेस” का आयोजन आर.ई.ए.आई.एम. सम्मिट 2024 में 9 सितंबर, 2024 को सिओल, दक्षिण कोरिया में किया गया
“लेसन्स फॉर रिस्पॉन्सिबल ए.आई. इंटीग्रेशन एंड गवर्नेस का आयोजन आर.ई.ए.आई.एम. सम्मिट 2024 के कार्यक्रम में 9 सितंबर, 2024 को दक्षिण कोरिया में संयुक्त रूप से यूनाइटेड सर्विस ऑफ इंडिया (यू.एस.आई.) और साइबरपीस द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम ‘भारत की सैन्य और साइबर सुरक्षा अनुभवः लेसंस फॉर रिस्पॉन्सिबल ए.आई. इंटीग्रेशन एंड गवर्नेस पर केंद्रित था। सत्र में कुछ मुख्य अंतर्दृष्टि साझा की गई, जिसमें भारत के सैन्य अभियानों में ए.आई. का इस्तेमाल, वैश्विक मानक मैं ए.आई. का योगदान, और एफ. आई. एस. टी. फ्रेमवर्क जैसे जिम्मेदार शासन के लिए ढांचे शामिल थे। आरत ग्लोबल साउथ का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार है, इस कार्यक्रम ने भविष्य के ए.आई. मानकों को आकार देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दिया।