झारखंड में स्वरोजगार के मामले में महिलाओं ने पुरूषों को पछाड़ दिया है. सूबे की 88 फीसदी महिलाएं स्वरोजगार से जुड़ी हैं. इसमें 90.3 फीसदी महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार से जुड़ी हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों की 55.7 फीसदी महिलाएं ही स्वरोजगार करती हैं. इसका खुलासा झारखंड सरकार के आंकड़ों में हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 58.7 फीसदी पुरूष स्वरोजगार से जुड़े हैं. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 61.4 फीसदी पुरूष स्वरोजगार करते हैं. जबकि शहरी क्षेत्रों 45 फीसदी पुरूष स्वरोजगार से जुड़े हैं.
नियमित मजदूरी पाने में वाले मजदूरों की संख्या काफी कम
झारखंड में नियमित मजदूरी व वेतन पाने वाले पुरूषों की संख्या सिर्फ 16.6 फीसदी है. इसमें ग्रामीण क्षेत्र में 12.4 फीसदी पुरूष मजदूरों को नियमित मजदूरी मिल पाता है. जबकि शहरी क्षेत्रों 37.3 फीसदी मजदूरों को ही नियमित मजदूरी मिलती है. वहीं सिर्फ 4.7 फीसदी महिला मजदूरों को ही नियमित मजदूरी मिलती है. ग्रामीण क्षेत्रों में 2.4 फीसदी महिला मजदूरों को नियमित मजदूरी मिलती है. जबकि शहरी क्षेत्रों में 38.1 फीसदी महिलाओं को नियमित मजदूरी मिलती है.
पुरूष कैजुएल लेबर है 24.8 फीसदी
झारखंड में पुरूष कैजुएल लेबर की संख्या 24.8 फीसदी है. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 26.2 फीसदी और शहरी क्षेत्रों 17.6 फीसदी कैजुएल लेबर हैं. वहीं महिला कैजुएल लेबर की संख्या सिर्फ 7.2 फीसदी है. इसमें ग्रामीण क्षेत्र में महिला कैजुएल लेबर 7.3 और शहरी क्षेत्र में 7.2 फीसदी ही है.
स्वरोगार करने वाले पुरूषों की संख्या में सिर्फ एक फीसदी की वृद्धि
झारखंड में पिछले नौ साल में स्वरोजगार करने वाले पुरूषों की संख्या में सिर्फ एक फीसदी की वृद्धि हुई है. 2017-18 में 57.8 फीसदी पुरूष स्वरोजगार से जुड़े थे. जबकि 2023-24 में 58.7 फीसदी पुरूष स्वरोजगार से जुड़े हैं. वहीं 2017-18 में 68 फीसदी महिलाएं स्वरोजगार से जुड़ी थीं. 2023-24 में 88 फीसदी महिलाएं स्वरोजगार से जुड़ी हैं.
पुरूषों की स्थिति
2017-18 में 57.7 फीसदी पुरूष जुड़े थे स्वरोजगार से
2023-24 में 58.7 फीसदी पुरूषों को स्वरोजगार
2017-18 में नियमित मजदूरी पाने वाले पुरूष मजदूरों की संख्या थी 15.4 फीसदी
2023-24 में नियमित मजदूरी पाने वाले मजदूरों की संख्या है 16.6 फीसदी
2017-18 में पुरूष कैजुएल लेबर की संख्या थी 24.9 फीसदी
2023-24 में पुरूष कैजुएल लेबर की संख्या है 24.8 फीसदी
महिलाओं की स्थिति
2017-18 में स्वरोजगार करने वाली महिलाओं की संख्या थी 68 फीसदी
2023-24 में स्वरोजगार करने वाली महिलाओं की संख्या हो गई 88 फीसदी
2017-18 में नियमित मजदूरी पाने वाली महिलाओं की संख्या 14.1 फीसदी
2023-24 में नियमित मजदूरी पाने वाली महिलाओं की संख्या घटकर हो गई 4.7 फीसदी
2017-18 में महिला कैजुएल लेबर की संख्या थी 17.3 फीसदी
2023-24 में महिला कैजुएल लेबर की संख्या घट कर हो गई 7.2 फीसदी