योगी मॉडल , केजरी मॉडल , ममता मॉडल सब हेमंत मॉडल के आगे हुए फेल

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हेमंत सरकार देश के दूसरे राज्य सरकारों को पछाड़ते हुए फिर से हुई नंबर वन राष्ट्रीय सांख्यिकी ने झारखंड की 2022 23 की 20 सूत्री कार्यक्रम की वार्षिक रिपोर्ट जारी की बीस सूत्री कार्यक्रम (टीपीपी) सरकारी कार्यक्रमों का एक पैकेज है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है। कार्यक्रम में गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कई योजनाएं शामिल हैं। इसे शुरुआत में 1975 में लॉन्च किया गया था और 1982, 1986 और 2006 में इसका पुनर्गठन किया गया था। टीपीपी-2006 के तहत कार्यक्रम और योजनाएं राष्ट्रीय सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम, संयुक्त राष्ट्र के सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों और सार्क में निहित प्राथमिकताओं के अनुरूप हैं। सामाजिक चार्टर. इसमें 65 वस्तुओं को शामिल करते हुए 20 बिंदु हैं | ये 65 आइटम सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं से मेल खाते हैं जिन्हें केंद्रीय नोडल मंत्रालयों/विभागों द्वारा प्रशासित किया जाता है और बड़े पैमाने पर राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेश प्रशासनों के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) राज्य सरकारों और केंद्रीय नोडल मंत्रालयों से प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर टीपीपी के प्रदर्शन की निगरानी करता है। मंत्रालय द्वारा विकसित बीस सूत्री से संबंधित प्रबंधन सूचना प्रणाली में मासिक प्रगति रिपोर्ट (एमपीआर) और कार्यक्रम की बिंदुवार, मद- वार और राज्य-वार वार्षिक समीक्षा शामिल है। हाल ही में, एमओएसपीआई ने टीपीपी-2006 की अपनी वार्षिक समीक्षा रिपोर्ट जारी की। दो रिपोर्टें हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार झारखंड हर क्षेत्र में देश में नंबर वन रहा है । झारखंड अपने यहां किए जाने वाले कार्यक्रमों में नंबर वन किए स्थान प्राप्त की है
भारत सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा वर्ष 2022-23 की उपलब्धियों पर जारी वार्षिक रिपोर्ट में 20 सूत्री के तहत संचालित होनेवाले सभी कार्यक्रम की उपलब्धियों का ब्योरा दिया गया है। जन वितरण प्रणाली के तहत जरूरतमंदों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने में झारखंड ने लक्ष्य के विरुद्ध 98 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की। इस योजना के तहत झारखंड को आवंटन किए गए 17,43,731 टन खाद्यान्न में 17,08,010 टन खाद्यान्न का वितरण हुआ । दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत सेल्फ हेल्प ग्रुप के माध्यम से महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में भी झारखंड राज्य में बेहतर काम किया गया है। सेल्फ हेल्प ग्रुप के बैंक लिंकेज तथा लोन के रूप में राशि जारी करने में झारखंड ने लक्ष्य के विरुद्ध 80 प्रतिशत से अधिक उपलब्धि हासिल की। बैंक लिंकेज में करीब 82 प्रतिशत तथा राशि आवंटित करने में 81 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल हुई। ग्रामीण आवास योजना-ग्रामीण के तहत लक्ष्य के विरुद्ध 76 प्रतिशत ही उपलब्धि हासिल हो सकी। इस योजना के तहत 45, 26, 80 परिवारों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था। इसके विरुद्ध 3,45,773 परिवारों को आवास उपलब्ध कराया जा सका। ये सभी आंकड़े दिसंबर 2022 तक के हैं। मार्च 2023 तक के आंकड़े जब जारी होंगे तो निश्चित रूप से इसमें बढ़ोतरी की संभावना है।

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