झारखंड को विकसित और अग्रणी राज्यों की श्रेणी में ले जाना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पहला टारगेट, इस दिशा में कर रहे सकारात्मक प्रयास.
रांची : किसी भी चुनाव से पहले अधिकांश राजनीतिक दल का काम मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करना होता था. इसके लिए कई चुनावी वादें किए जाते हैं. यानी मुफ्त में रेवड़ियां देने की कोशिश. सुप्रीम कोर्ट भी ऐसी पहल पर तल्ख टिप्पणी कर चुका है. इससे उलट झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार उन मुद्दों पर सीधे-सीधे जोर दे रही है, जो लोगों के रोजगार और उद्योग लगाने से जुड़ा है. उद्योग भी ऐसा जो पूरी तरह से पर्यावरण हितैषी हो. इन सब कामों के लिए मुख्यमंत्री सब्सिडी पर पूरा जोर दे रहे हैं. दरअसल मुख्यमंत्री का पूरा टारगेट झारखंड को विकसित अग्रणी राज्यों की श्रेणी में ले जाना है. ग्रामीण क्षेत्रों में सब्सिडी देकर बस चलाने की पहल, सब्सिडी देकर पर्यावरण हितैषी इथेनॉल पॉलिसी – 2022 और इलेक्ट्रिक व्हीकल (इवी) पॉलिसी – 2022 इसी तरह कुछ विशेष पहल हैं.
बता, सबसे पहले इथेनॉल पॉलिसी 2022 की.
नीति के उद्देश्य –
हेमंत सोरेन सरकार द्वारा निम्न उद्देश्यों को देख झारखंड इथेनाल प्रोडक्शन प्रोमोशन नीति- 2022 तैयार की गयी है.
– वर्तमान समय में राज्य में उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग करते हुए अधिक से अधिक पूंजी निवेश को बढ़ावा देना.
– अधिकाधिक रोजगार के अवसर सृजित करना.
– कृषकों की आय में वृद्धि.
– पर्यावरण संरक्षण करना.
प्रस्तावित झारखंड इथेनॉल प्रोडक्शन प्रोमोशन नीति-2022 अधिसूचित तिथि से अगले पांच वर्षों के लिए प्रभावी होगी. इस नीति के तहत
क – इथेनॉल उत्पादन में कच्चे माल के रूप में ईख, मक्का एवं ब्रोकेन राईस का उपयोग किया जाएगा. इससे कृषकों की आय में वृद्धि होगी.
ख – औद्योगिक प्लांट द्वारा ईंधन – ग्रेड इथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा, जिसका उपयोग मिक्सिंग कर ईंधन के रूप में किया जाएगा.
नीति के मुख्य तथ्य..
क – इथेनॉल प्लांट लगाने वाले छोटे लघु औद्योगिक इकाइयों को अधिकतम 10 करोड़ और बड़े उद्योगों को अधिकतम 30 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी.
ख – मिलने वाली सब्सिडी राशि में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाएं, दिव्यांग उद्यमियों को सरकार अतिरिक्त 5 प्रतिशत का लाभ मिलेगा.
ग – सभी औद्योगिक इकाइयों को स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क की 100% छूट मिलेगा.
घ – औद्योगिक इकाईयों को अपने कर्मचारियों को स्किल डेवलपमेंट करने के लिए राज्य सरकार प्रति कर्मचारी 13,000 रुपये की सब्सिडी भी देगी.
ड़ – इथेनॉल प्लांट के लिए औद्योगिक इकाइयां अगर राज्य सरकार की एजेंसियों से जमीन लेती है, तो उसे लैंड प्रीमियम पर भी 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी.
च – औद्योगिक इकाइयों को सरकार बैंक से लोन पर उस पर ब्याज पर भी सब्सिडी देगी. यह कुल लोन पर 6% प्रति वर्ष की दर से होगी. सब्सिडी 15 लाख रूपये से लेकर अधिकतम 3 करोड़ रुपये तक की होगी.
.मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना – ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ेगी सरकार
राज्य के ग्रामीण इलाकों के लोगों को बेहतर परिवहन सेवा मुहैया कराने के लिए हेमंत सोरेन सरकार मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना –2022 लेकर आयी है. योजना का उद्देश्य युवाओं को ग्रामीण सड़कों पर वाहन चलाने के लिए प्रोत्साहित कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ना है.
योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक व पिछड़ा वर्ग के युवाओं द्वारा बस खऱीदने पर सरकार सब्सिडी भी देगी. सब्सिडी के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
योजना के तहत प्राइवेट बस ऑपरेटरों को अधिकतम पांच सालों के लिए रोड टैक्स में छूट दिया जाएगा.
पर्यावरण हितैषी दो अहम कदम.
पर्यावरण के प्रति मुख्यमंत्री की सोच है कि हम आने वाली पीढ़ी के लिए एक स्वच्छ, सुंदर और प्रदूषण मुक्त वातावरण दें. इसके लिए उन्होंने अपने स्तर पर दो महत्वपूर्ण पहल की है.
पहला – शहरों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति की मंजूरी.
दूसरा – एक पेड़ लगाने पर पांच यूनिट बिजली मुक्त देने की पहल.
*इलेक्ट्रिक व्हीकल (इवी) पॉलिसी 2022 लागू, सरकार देगी सब्सिडी.*
राज्य में अब तरह – तरह के इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने पर सरकार सब्सिडी (अनुदान) देगी. इसके लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल (इवी) पॉलिसी 2022 लागू की गयी है. सब्सिडी के अलावा राज्य सरकार, इलेक्ट्रिक वाहन पर लगने वाले रोड टैक्स में भी छूट देगी.
जैसे –
क – इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर 1.5 लाख रुपये तक का अनुदान.
ख – इलेक्ट्रिक स्कूटी या बाइक खरीदने पर 10 हजार रुपये तक की सब्सिडी.
ग – इलेक्ट्रिक ऑटो पर 30,000 रुपये तक की सब्सिडी.
घ – ई-बस खरीदने पर 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी.
प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाने की हेमंत सोरेन की सोच है कि पेड़ लगाने पर सरकार देगी पांच यूनिट बिजली मुफ्त.
पर्यावरण को स्वस्थ रखने के लिए हेमंत सरकार ने फैसला किया है कि शहरी क्षेत्रों में उन परिवारों को सरकार प्रति पेड़ पांच यूनिट बिजली मुफ्त देगी जो अपने घर के परिसर में पेड़ लगाएंगे. यह पेड़ कोई गेंदा या गुलाब का पौधा नहीं, बल्कि कोई फलदार या अन्य वृक्ष होना चाहिए. श्री सोरेन का मानना है कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करते हुए जिस प्रकार हम विकास की सीढ़ियां चढ़ रहे हैं उससे हम विनाश को भी आमंत्रण दे रहे हैं. अगर समय रहते सामंजस्य नहीं बैठाया गया तो मनुष्य जीवन को ही इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.