झारखंड सरकार की पहल से बेटियों के वजह से पिता का सर होगा ऊंचा

झारखण्ड
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रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का झारखंड की बेटियों और महिलाओं के प्रति सोच कितना सकरात्मक है, यह उनके एक बयान से साफ झलकता दिखाता है. सरकार के तीन साल के कार्यकाल की सबसे महत्वकांक्षी “आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार” अभियान के दूसरे चरण के शुरूआत बीते 12 अक्टूबर से हुई. अभियान के दूसरे दिन ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कई जिलों के लाभुकों से बातचीत की. इसी लाभुकों में एक थी गुमला जिले की स्वाति कुमारी. मुख्यमंत्री ने जब बेटी स्वाति कुमारी से पूछा कि आपके पिताजी कहां है, तो उसने बताया कि वे दूसरे राज्य में काम करने गए हैं. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें आप घर वापस बुला लीजिए. उनके लिए भी राज्य सरकार ने रोजगार संबंधी कई योजनाएं बनायी है. इन योजनाओं से आपके पिताजी को जोड़ा जाएगा. कभी किसी मुख्यमंत्री को एक बेटी से ऐसा कहते हुए शायद ही देखा गया होगा.

कोरोना काल में भूखे तक नहीं मरने दिया प्रवासी मजदूरों को.

बता दें कि कोरोना काल के पहले फेज में जब प्रवासी मजदूर बेरोजगारी का आलम लिए घऱ लौट रहे थे, तब बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना, पोटो हो खेल विकास योजना, मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरूआत हेमंत सरकार ने की थी. इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के बेरोजगारों को रोजगार मिलना संभव हो पाया. बेरोजगार हुए मजदूरों के समक्ष भूखे रहने की नौबत तक नहीं आयी.

जहां शिविर लगाते हैं, वहा पांच योजनाओं का शिलान्यास भी करें, ताकि रोजगार सृजन जल्द शुरू हो.

बीते 12 सितंबर को आपदा प्रबंधन प्राधिकार की एक उच्च स्तरीय बैठक में श्री सोरेन ने अधिकारियों को हर गांव में कम से कम पांच-पांच नई योजनाएं शुरू करने का निर्देश दिया, ताकि रोजगार सृजन के साथ पलायन को रोका जा सके. “आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार” अभियान में लगे अधिकारियों को उन्होंने सख्त निर्देश दिया कि वे जिस गांव या पंचायत में जिस दिन शिविर लगाते हैं, उसी दिन वहां पांच योजनाओं का शिलान्यास भी करें ताकि रोजगार सृजन का काम शीघ्र आरंभ हो सके.

बेटियां चिंता नही करें, उनके पढ़ाई की चिंता हेमंत सोरेन सरकार करेगी.

लाभुक स्वाती कुमारी से बातचीत में मुख्यमंत्री ने “आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार” अभियान से मिलने वाले फायदे की भी जानकारी ली. झारखंड की बेटी ने भावुक मन से मुख्यमंत्री को बताया कि उसे सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से जोड़ा गया है. इस पर मुख्यमंत्री ने उससे कहा, अब आपकी पढ़ाई की चिंता सरकार करेगी. राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति की राशि में 3 गुना वृद्धि किया है.

सावित्री बाई फूले किशोरी संवृद्धि योजना से नहीं छूटेगी बेटियों की पढ़ाई.

बता दें कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा चलायी जा रही मुख्यमंत्री सुकन्या योजना का नाम बदलकर इसका दायरा बढ़ाते हुए इस योजना को सावित्री बाई फूले किशोरी संवृद्धि योजना नाम दिया गया है. योजना के तहत कक्षा आठ में नामांकन में बच्ची के नाम 2500 रुपये, कक्षा 9 में नामांकन में 2500 रुपये, कक्षा 10 में नामांकन में 5000 रुपये, कक्षा 11 में नामांकन में 5000 रुपये, कक्षा 12 में नामांकन में 5000 रुपये जमा किए जाएंगे. वहीं लड़की की 18-19 वर्ष की आयु पूरी होने पर एक मुश्त राशि 20,000 रुपये अनुदान के रूप में दिया जाएगा. यानी कुल मिलाकर बेटियों के खाते में कुल 40,000 रुपए आएंगे. इस योजना के आने से बेटियों की पढ़ाई नहीं छूटेगी.

मेरी सरकार हर महिला के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को संकल्पित : हेमंत सोरेन.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का उपरोक्त कदम और बयान बेटियों के सशक्तिकरण और उत्थान पर जोर देने को साबित करता है. हेमंत सोरेन हमेशा से कहते रहे हैं कि वर्तमान समय महिलाओं के आगे बढ़ने का बेहतर वक्त है और उनकी सरकार हर महिला के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को संकल्पित है. उनका मानना है कि महिलाओं को समान अधिकार मिलना चाहिए. इसी सम्मान के तहत हेमंत सरकार द्वारा महिलाओं के उत्थान को लेकर कई योजनाएं चलायी जा रही है. सरकार के अंग के रूप में काम कर रही महिलाओं के कल्याण पर जोर दिया जा रहा है.

*आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिकाओं के हित में फैसला, पहली बार बनी नियमावली.*

आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिकाओं के हित में फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर उनके लिए चयन एवं मानदेय (अन्य शर्तों सहित) नियमावली 2022 बनाने को मंजूरी मिली है. इनके लिए नियमावली पहली बार किसी सरकार ने बनायी है. इसके तहत न केवल झारखंड के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को सुसज्जित किया जाएगा. वहां बिजली, पानी और शौचालय समेत सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी. बल्कि आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकों को एक निश्चित मानदेय, नियमावली के तहत हर साल बोनस सहित कई लाभ दिए जाएंगे.

*फूलो-झानो आशीर्वाद योजना : 25000 से ज्यादा महिलाओं ने खुद को सम्मानजनक रोजगार से जोड़ा.*

फूलो-झानो आशीर्वाद योजना को भी मुख्यमंत्री के द्वारा आरंभ किया गया है. इस योजना के माध्यम से हड़िया दारु के निर्माण एवं बिक्री से जुड़ी ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका के साधन दिए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री अपने हर कार्यक्र में महिलाओं से योजना का लाभ लेने की बात भी कर रहे हैं. “आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार” अभियान के दूसरे दिन श्री सोरेन से बातचीत करती हुई महिला लाभुकों यथा यशोदा देवी और देवंती देवी ने बताया कि उन्हें फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के तहत 10 हजार रुपए का लाभ मिला है. देवंती देवी ने कहा, इस रूपए से वह पशुपालन व्यवसाय कर परिवार का भरण पोषण कर रही हैं. ग्रामीण विकास के मुताबिक अबतक 25,000 से अधिक महिलाओं को हड़िया दारु के निर्माण एवं बिक्री निर्माण से बाहर निकालकर सम्मानजनक रोजगार से जोड़ा गया है.

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