मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयास से जल्द ही बेहतर होगी राजधानी की सड़कें

झारखण्ड
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रांची : राजधानी की सड़कों की हालत किसी से छिपी हुई नहीं है. 2014 से 2019 तक नगर विकास मंत्री का जिम्मा संभालने वाले भाजपा नेता सीपी सिंह के समय से ही राजधानी के सड़कों की हालतों पर सवाल उठता रहा हैं. बतौर मंत्री रहते सीपी सिंह ने अपने हाथों से राजधानी के कई इलाकों के सड़कों का शिलान्यास किया. बाद में उसमें खामियां भी पायी. सड़क बना रहे संवेदकों (ठेकेदारों) और काम देख रहे इंजीनियरों को कड़ी फटकार भी लगायी. इंजीनियरों को हिदायत भी दी कि वे निर्माण काम में गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं करेंगे. सीपी सिंह का यह बयान केवल आईवॉश करने वाला था. इससे उलट आज राजधानी की सड़कों को न केवल बेहतर बनाया जा रहा है, बल्कि पूर्व के कांटाटोली प्लाईओवर निर्माण के साथ कई नए सड़क बनाने की दिशा में पहल हुई है.

मुख्यमंत्री ने राजधानीवासियों को दी कई सड़कों की सौगात, मिलेगी जाम से मुक्ति.

हाल के दिनों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राजधानी को कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं की सौगात दी है. इसमें एक प्लाईओवर, कई सड़कों को फोरलेन बनाने के साथ उसका चौड़ीकरण और मजबूतीकरण का काम शामिल हैं. इन सड़कों के निर्माण व पुननिर्माण में 1,000 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे. जैसे –
• सिरमटोली चौक से राजेंद्र चौक होकर मेकान गोलचक्कर तक 2.34 किमी का फोरलेन फ्लाईओवर/एलिवेटेड आरओबी निर्माण का फैसला हुआ है. इसके निर्माण में कुल 339.69 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
• रांची रिंग रोड (नेवरी विकास विद्यालय) से बूटी मोड़ होकर कोकर चौक, कांटाटोली चौक होते हुए नामकोम आरओबी तक 15.214 किमी फोरलेन का निर्माण कराया जाएगा. इसपर कुल 129 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
• अरगोड़ा चौक से कटहल मोड़ तक 5.3 किमी सड़क का भी चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण होगा. इसपर कुल 197.28 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
• बिरसा चौक से धुर्वा गोलचक्कर – प्रोजेक्ट भवन तक की फोरलेन रोड का मजबूतीकरण, चौड़ीकरण एवं पुनर्निर्माण होगा. लगभग 4.10 किमी लंबे इस सड़क के काम पर 34.93 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
• रांची ग्रामीण के तहत अनगड़ा – हाहे – राहे सड़क जो कि 26.687 किमी है कि चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण व पुननिर्माण काम में 57.95 करोड़ खर्च किए जाएंगे.
• रांची को पश्चिम बंगाल से जोड़ने वाली रांची – पुरुलिया रोड में नामकुम आरओबी से अनगड़ा तक 17 किलोमीटर की सड़क को फोरलेन किया जाएगा. जिसपर 181.73 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
• रांची शहर के बीच बरियातू – बड़गाईं लेम बोड़ेया सड़क का निर्माण व चौड़ीकरण किया जाएगा. इसपर कुल 111.35 करोड़ खर्च होंगे.
• अल्बर्ट एक्का चौक से लाइन टैंक तालाब मार्ग फोरलेन होगा.
• कमिश्नर ऑफिस से रजिस्ट्री ऑफिस होते हुए डॉक्टर जाकिर हुसैन पार्क तक जाने वाला मार्ग फोरलेन होगा.
• रेडियम रोड से अल्बर्ट एक्का की ओर जाने और आने के लिए कचहरी चौक के नीचे अंडरपास बनेगा.
• अल्बर्ट एक्का चौक से कचहरी चौक होते हुए डॉक्टर जाकिर हुसैन पार्क तक सड़कों का पुननिर्माण कराया जाएगा.

*कम से कम जमीन अधिग्रहण, अगर ली गयी तो उचित मुआवजा भी.*

मुख्यमंत्री का कहना है कि रांची शहर के अंदर आने वाली सड़कों के संकरा होने से हमेशा जाम लगता है. उपरोक्त सभी सड़कों के निर्माण काम से राजधानी को सड़क जाम से मुक्ति मिलेगी. इसमें सबसे प्रमुख कटहल मोड से अरगोड़ा आने के क्रम में राजधानीवासियों को मिलने वाली सड़क जाम की समस्या है. लेकिन सड़क निर्माण से इस समस्या से मुक्ति मिलना तय है. सबसे बड़ी बात यह है कि सड़क निर्माण की योजनाओं के लिए सरकार कम से कम जमीन अधिग्रहण करेगी. वहीं, जिनकी जमीन अधिग्रहित की गई है, उन्हें सरकार उचित मुआवजा भी दे रही है.

*विकास काम को धरातल पर उतारने के लिए हेमंत की एक अनूठी पहल.*

राजधानी के विकास को लेकर मुख्यमंत्री एक अनूठी पहल भी कर चुके हैं. अनूठी पहल है, राजधानीवासियों द्वारा 5 फीट जमीन सरकार को दान देने की है. दरअसल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीते साल ही लोगों से अपील की थी कि राजधानी की गलियां तंग हैं. इस वजह से वहां एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तो छोड़िए छोटी कारें भी नहीं घुस पाती. गरीब बस्तियों की ही नहीं यह स्थिति उन जगहों की भी है जहां संभ्रात लोग निवास करते हैं. अगर विकास को धरातल पर उतारना है तो लोगों को स्वेच्छा से आगे आकर अपने घरों के बाहर की 5 फीट जमीन सरकार को दान में दें.

*भाजपा नेता के वोट बैंक की राजनीति से परे हटकर हरमू में होगा फ्लाईओवर निर्माण*

राजधानी के सबसे वीआईपी माने जाने वाले हरमू रोड में एक बार फिर से फ्लाईओवर निर्माण की कवायद शुरू हुई है. भाजपा के तत्कालीन नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने भले ही वोट बैंक की राजनीति के कारण इसे धरातल पर उतरने नहीं दिया, लेकिन वर्तमान नगर विकास मंत्री सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन वोट बैंक से ज्यादा राजधानी के विकास को तरजीह देते हैं. मीडिया में आयी रिपोर्ट के मुताबिक बनने वाला फ्लाईओवर डबलडेकर होगा. फ्लाईओवर की लंबाई 2.80 किलोमीटर होगी. कंसल्टेंट का चयन कर लिया गया है. डबल डेकर का निर्माण इसलिए किया जा रहा है कि ताकि कम से कम जमीन का अधिग्रहण हो.

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