सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाने को तैयार थे तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
डॉ कलाम ने अपनी अपनी किताब विंग्स ऑफ़ फ़ायर के दूसरा खंड टर्निंग पॉइंट्स में लिखा है कि
जब मई 2004 में हुए चुनाव के नतीजों के बाद जब सोनिया गांधी उनसे मिलने आईं तो राष्ट्रपति भवन की ओर से उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने को लेकर चिट्ठी तैयार कर रखी थी।
लेकिन 18 मई 2004 को जब सोनिया गांधी अपने साथ डॉ मनमोहन सिंह को लेकर पहुँचीं तो उन्हें आश्चर्य हुआ।
डॉ कलाम ने लिखा है की सोनिया गांधी ने मुझे कई दलों के समर्थन के पत्र दिखाए. इस पर मैंने कहा कि ये स्वागत योग्य है और राष्ट्रपति उनकी सुविधा के समय पर शपथ ग्रहण करवाने के लिए तैयार है।
आगे उन्होंने लिखा है की इसके बाद सोनिया गांधी ने बताया कि वे मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के पद पर मनोनीत करना चाहेंगीं।
डॉ कलाम के अनुसार ये उनके लिए आश्चर्य का विषय था और राष्ट्रपति भवन के सचिवालय को चिट्ठियाँ फिर से तैयार करनी पड़ीं।
ये घटनाक्रम उस समय का है जब नवगठित गठबंधन यूपीए का नेतृत्व कर रही कांग्रेस के संसदीय दल ने सोनिया गांधी को सर्वसम्मति से अपना नेता चुन लिया था.
यूपीए को बाहर से समर्थन दे रहे वाममोर्चे ने भी कह दिया था कि उन्हें सोनिया गांधी के नाम पर आपत्ति नहीं है मगर सोनिया गांधी ने खुद के जगह डॉ मनमोहन सिंह के नाम को प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया था।